Feeds:
પોસ્ટો
ટિપ્પણીઓ

Archive for જાન્યુઆરી, 2014

101 – Bate kare-Gazal – Saaj Mevada-बाते करे

…बाते करे

लो खूदसेही खूदकी बाते करे,

वैसे दिदारेयारकी बाते करे.

आवाज दे कैसे बुलाये उनको?,

आते नहीं, दिवारकी बाते करे.

है ये तसल्ली उनकोभी प्यार है,

वो ख्वाबमेंभी आपकी बाते करे.

झाहिदभी देखा करे, पिते रहो,

वो भी नशेमें जन्नतकी बाते करे.

होगा नहीं आसां समजना ‘साज’को,

पीके झहर वो जीनेकी बाते करे.

-‘साज’ मेवाडा

Read Full Post »

Chali Jati hai-Saaj Mevada-चली जाती है

 

गझल

हर साल आती है, चली जाती है,

वो मेरे सनमसी हुई जाती है.

आंखे दिखा जबसे उसे छेडी है,

आफतेबला हसके चली जाती है.

पूछो कभी ये मौसमेबहार को,

है क्या नशा, क्यों भूल हुई जाती है?

दिनमें कभी वो चांदको देखा है,

पर चांदनी रात, कही जाती है.

मालूमथा कि ‘साज’, वो आयेगा,

ये बेकरारी क्यों बढी जाती है?

-‘साज’ मेवाडा.

છંદ – ગાગાલગા ગાગાલગા ગાગાગા

Read Full Post »